
गौतम अडानी पर अमेरिका के आरोप: क्या है मामला?
21 नवंबर 2024 को, अमेरिका के न्याय विभाग (Justice Department) ने गौतम अडानी और अडानी समूह के शीर्ष अधिकारियों पर 265 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाए। अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा लगाए गए आरोपों में हैं। ये आरोप एक बड़ी $265 मिलियन की धोखाधड़ी योजना से संबंधित हैं, जिसमें अडानी समूह ने भारतीय अधिकारियों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अनुबंध प्राप्त करने के बदले रिश्वत दी। इसके अलावा, अमेरिकी निवेशकों को इन परियोजनाओं के बारे में गलत जानकारी देने का भी आरोप है, जिससे इनकी वास्तविक वित्तीय स्थिति और जोखिमों को छुपाया गया।
अधिकारियों का कहना है कि यह घोटाला अमेरिकी बाजारों से जुड़े होने के कारण अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन करता है। जांच में Azure Power Global नामक एक अन्य कंपनी का भी उल्लेख किया गया है, जो अडानी समूह के साथ जुड़ी हुई है। इस जांच को अमेरिका के न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन स्थित न्याय विभाग और संघीय जांच एजेंसियां देख रही हैं।
मुख्य आरोप:
- रिश्वतखोरी:
अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि अडानी समूह ने भारत में सौर ऊर्जा अनुबंधों को हासिल करने के लिए रिश्वत का सहारा लिया। - धोखाधड़ी:
अडानी समूह पर अमेरिकी निवेशकों को गलत जानकारी देने का आरोप है, जिससे परियोजनाओं की सच्चाई और वित्तीय जोखिमों को छिपाया गया। - संयुक्त जांच:
इस मामले में Azure Power Global नामक एक अन्य कंपनी की भूमिका भी जांच के दायरे में है।
अडानी समूह का बयान:
अडानी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका संचालन उच्चतम कॉर्पोरेट मानकों के अनुरूप है। उन्होंने इसे झूठा और दुर्भावनापूर्ण बताया।
पृष्ठभूमि:
यह आरोप 2023 में हिंडनबर्ग रिपोर्ट द्वारा लगाए गए गंभीर वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों के बाद आए हैं। हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर शेयर बाजार में हेरफेर और टैक्स हेवन का गलत उपयोग करने का आरोप लगाया था। इन आरोपों का प्रभाव न केवल अडानी समूह के शेयरों पर पड़ा है, बल्कि समूह की वैश्विक साख पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। अमेरिकी न्याय विभाग और अन्य नियामक संस्थाएं इन मामलों की गहन जांच कर रही हैं।यह मामला न केवल भारतीय व्यापार जगत के लिए बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो इसका अडानी समूह और भारतीय उद्योग जगत पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।