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कक्षा 10 में गणित के दो स्तर (बेसिक और स्टैंडर्ड) के सफल कार्यान्वयन के बाद, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अब 2026-27 शैक्षणिक सत्र से कक्षा 9 और 10 के SCIENCE और SOCIAL SCIENCE के लिए भी इसी तरह की दोहरे स्तर की प्रणाली शुरू करने की योजना बनाई है। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत छात्रों पर शैक्षणिक दबाव को कम करने और उनके अलग-अलग कौशल स्तरों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
CBSE की पाठ्यक्रम समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इसे बोर्ड के शासी निकाय से अंतिम मंजूरी का इंतजार है। यह मॉडल छात्रों को बेसिक और स्टैंडर्ड स्तरों में से चुनने की सुविधा देगा।
इस मॉडल के तहत, छात्र एक निश्चित समय सीमा में अपनी पसंद के स्तर का चयन कर सकेंगे। आवश्यकता पड़ने पर, वे दिए गए समय के भीतर अपने स्तर को बदल भी सकते हैं। स्टैंडर्ड स्तर में छात्रों को:
हालांकि, दोनों स्तरों के लिए मूल पाठ्यक्रम समान रहेगा, और अंतर परीक्षा के कठिनाई स्तर और उन्नत स्तर के लिए अतिरिक्त सामग्री में होगा।
CBSE ने 2019-20 से कक्षा 10 में गणित के लिए यह दो-स्तरीय मॉडल लागू किया था। इसका उद्देश्य छात्रों को उनकी क्षमता के अनुसार कठिनाई का चयन करने का मौका देना था।
2023-24 में:
इस सकारात्मक प्रतिक्रिया ने CBSE को अन्य विषयों में भी यह व्यवस्था लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस बदलाव का मुख्य आधार NCERT द्वारा तैयार की जा रही नई पाठ्यपुस्तकें होंगी, जो 2023 में जारी की गई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCFSE) के अनुरूप होंगी। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि कक्षा 4, 5, 7, और 8 के लिए नई सामग्री 2025-26 तक उपलब्ध हो जाएगी।
NEP 2020 के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए यह कदम:
CBSE का यह कदम भारतीय शिक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, जिससे हर छात्र को अपनी क्षमता और रुचि के अनुसार सीखने का मौका मिलेगा। यह न केवल छात्रों के लिए बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी एक सकारात्मक पहल साबित हो सकती है।
अधिक जानकारी के लिये सीबीएसई वेबसाइट विजिट करे।